
ब्यावर में गैस रिसाव की घटना – अप्रैल 2025
अप्रैल 2025 को राजस्थान के ब्यावर शहर के बालय रोड क्षेत्र में स्थित एक अवैध रासायनिक फैक्ट्री में नाइट्रोजन गैस का भीषण रिसाव हुआ। यह हादसा तब हुआ जब फैक्ट्री परिसर में एक टैंकर से गैस को स्थानांतरित किया जा रहा था। अचानक टैंकर से गैस लीक होने लगी और चारों ओर तेजी से फैल गई, जिससे वहां मौजूद श्रमिकों और आसपास के लोगों में अफरा-तफरी मच गई।
इस दुर्घटना में फैक्ट्री के मालिक सुनील सिंघल, एक अन्य कर्मचारी नरेंद्र सोलंकी और दयाराम की मौके पर ही मौत हो गई। इसके अतिरिक्त, लगभग 50 से अधिक लोग गैस की चपेट में आने से गंभीर रूप से बीमार हो गए। इनमें कई लोगों को सांस लेने में तकलीफ, चक्कर और बेहोशी की हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया।
फैक्ट्री बिना किसी वैध अनुमति के चल रही थी, और वहां सुरक्षा मानकों का भी पूरी तरह से अभाव था। घटना के बाद जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं। रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया, और क्षेत्र को खाली करवाया गया। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जांच के आदेश दिए गए हैं, और फैक्ट्री को सील कर दिया गया है।
यह घटना स्थानीय प्रशासन की लापरवाही और अवैध औद्योगिक इकाइयों की अनदेखी को उजागर करती है। लोगों में आक्रोश है और मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने की मांग उठाई जा रही है। यह हादसा एक बड़ी चेतावनी है कि रासायनिक सुरक्षा मानकों का उल्लंघन कितना घातक हो सकता है।

नाइट्रोजन गैस रिसाव से त्रासदी
1 अप्रैल 2025 को ब्यावर के बड़िया क्षेत्र में स्थित एक अवैध रासायनिक फैक्ट्री में नाइट्रोजन गैस के टैंकर से गैस लीक हो गई, जिससे तीन लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक लोग बीमार हो गए।

घटना का विवरण:
• गैस रिसाव रात 10:30 बजे हुआ, जब टैंकर से गैस फैक्ट्री के गोदाम में स्थानांतरित की जा रही थी।
• फैक्ट्री मालिक सुनील सिंघल (47) गैस रिसाव को नियंत्रित करने का प्रयास करते हुए घायल हो गए और बाद में उनकी मृत्यु हो गई।
• अन्य दो मृतकों में नरेंद्र सोलंकी (40) और दयाराम (52) शामिल हैं।
• 60 से अधिक लोग सांस लेने में कठिनाई, सीने में जकड़न और उल्टी की शिकायत के साथ अस्पताल में भर्ती कराए गए।
प्रशासनिक कार्रवाई:
• फैक्ट्री को तुरंत सील कर दिया गया।
• क्षेत्रीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया।
• राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने हवा की गुणवत्ता की जांच की और पाया कि नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड के स्तर मानकों के भीतर हैं।
