
यह रिपोर्ट ब्यावर क्षेत्र में जल आपूर्ति व्यवस्था की निगरानी और सुधार से संबंधित है। इसमें उल्लेखित मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:

1. निरीक्षण कार्य:
अतिरिक्त मुख्य अभियंता रामचंद्र और अधीक्षण अभियंता सम्पतलाल जीनगर सहित अन्य अधिकारियों ने सरवाड, नागोला, बांदनवाडा, बिजयनगर एवं मसूदा के पम्प हाउस और पाइपलाइनों का गहन निरीक्षण किया।
2. छीजत (जल हानि) को कम करने के निर्देश:
निरीक्षण के दौरान पाइपलाइन में रिसाव और अन्य तकनीकी खामियों को दूर कर जल छीजत को कम करने के निर्देश दिए गए।
3. जल आपूर्ति सुनिश्चित करना:
संधारण कार्य हेतु जिम्मेदार फर्म मैसर्स जी.ए. इन्फ्रा. प्रा. लि. और क्षेत्रीय अभियंताओं को 3 दिनों में नियमित जल आपूर्ति सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया।
4. अवैध कनेक्शन पर कार्रवाई:
मुख्य पाइपलाइनों पर किए गए अवैध जल संबंधों की पहचान, उन्हें काटने और दोषियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई व मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश जारी किए गए।
5. रिसाव की मरम्मत:
फर्म के प्रबंधनकर्ताओं और सुपरवाइजर को पाइपलाइनों के रिसाव तत्काल प्रभाव से ठीक करने और मसूदा पम्प हाउस पर मांग के अनुसार पेयजल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए।
रिपोर्ट का संक्षिप्त संस्करण या प्रेस विज्ञप्ति के रूप में प्रारूप
ब्यावर। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की ओर से ब्यावर सहित आसपास के क्षेत्रों में जल आपूर्ति की स्थिति को लेकर व्यापक निरीक्षण अभियान चलाया गया। निरीक्षण दल में विभाग के अतिरिक्त मुख्य अभियंता श्री रामचंद्र, अधीक्षण अभियंता श्री सम्पतलाल जीनगर, अधिशाषी अभियंता श्री सुनील कुमार (ब्यावर), श्री विक्रम सिंह (केकड़ी) के साथ सहायक अभियंता, उपखण्ड ब्यावर एवं भिनाय मौजूद रहे।
निरीक्षण के दौरान सरवाड, नागोला, बांदनवाड़ा, बिजयनगर एवं मसूदा पम्प हाउस एवं पाइपलाइनों की तकनीकी स्थिति की समीक्षा की गई। इस दौरान जल रिसाव, पाइपलाइनों की छीजत एवं संधारण कार्यों को लेकर गम्भीर चर्चा हुई।
संधारण कार्य के लिए नियुक्त फर्म मैसर्स जी.ए. इन्फ्रा. प्रा. लि. को पाइपलाइनों से रिसाव को तुरंत ठीक करने और मसूदा पम्प हाउस पर मांग के अनुसार जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। साथ ही, ब्यावर, भिनाय एवं बिजयनगर क्षेत्र में जल आपूर्ति को तीन दिन में सुचारू करने के लिए स्पष्ट आदेश जारी किए गए।
निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने मुख्य पाइपलाइनों पर अवैध जल कनेक्शनों की पहचान कर उन्हें हटाने तथा अवैध रूप से जल उपयोग कर रहे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश भी जारी किए।
विभाग ने स्पष्ट किया कि जल की प्रत्येक बूंद महत्वपूर्ण है और सार्वजनिक संसाधनों के दुरुपयोग पर किसी भी सूरत में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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