
न्यूज | मांगलियावास
भारत सरकार के कृषि मंत्रालय द्वारा प्रायोजित विकसित भारत संकल्प अभियान के अंतर्गत, ग्राम पंचायत मांगलियावास, ब्रिकचियावास एवं मकरेड़ा में एक दिवसीय कृषक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रसार वैज्ञानिक डॉ रमाकांत शर्मा ने बताया कि यह कार्यक्रम राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केंद्र, कृषि विभाग, पशुपालन विभाग, कृषि अनुसंधान उप केंद्र तथा कृषि विज्ञान केंद्र अजमेर के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न हुआ।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों, जैविक खेती, जल संरक्षण, बहुफसली खेती, कीट-व्याधि प्रबंधन, बकरी पालन, सूअर पालन, मधुमक्खी पालन तथा मृदा स्वास्थ्य एवं मूल्य संवर्धन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर वैज्ञानिक जानकारी प्रदान करना था। कार्यक्रम के दौरान किसानों ने अपने सवालों एवं समस्याओं को साझा किया ।

कार्यक्रम में वैज्ञानिकों ने किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों की जानकारी दी Beawar 2025
विकसित भारत संकल्प अभियान’ के तहत जागरूकता कार्यक्रम।
देकर समाधान किया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ. विनय भारद्वाज ने मसाला फसलों की उन्नत खेती एवं उनकी संभावनाओं पर चर्चा की और किसानों को प्रोत्साहित किया।डॉ. डी.एस. भाटी, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष, कृषि विज्ञान केंद्र अजमेर ने विकसित कृषि भारत अभियान के उद्देश्यों एवं कार्य योजना पर प्रकाश डाला एवं कृषि
विज्ञान केंद्र पर ली जारी विभिन्न गतिविधियों के बारे में जानकारी प्रदान की। डॉ. कृष्णकांत ने खरीफ फसलों में कीट नियंत्रण के तरीके बताए, जबकि डॉ. सुमेर सिंह मीणा ने उद्यानिकी फसलों एवं बागवानी योजनाओं पर जानकारी दी। एटीसी के जैविक कीट नियंत्रण विशेषज्ञ डॉ. के. छीपा ने जैविक उत्पादों और उनकी विधियों की चर्चा की। डॉ. ओ.पी. अश्वत ने मृदा जांच की

विधियों एवं उसके महत्व पर विस्तार से जानकारी दी।
इफको प्रतिनिधि निर्भय सिंह चौधरी ने नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी जैसे उत्पादों के उपयोग पर बल दिया। अन्य विशेषज्ञों में डॉ. सी.के. जांगिड़, डॉ. एम.डी. मीणा, डॉ. के.पी. त्रिपाठी, डॉ. रॉबिन सिंह, डॉ. दिनेश कच्छावा एवं तकनीकी सहायक सीताराम ने भी किसानों की समस्याओं का समाधान एवं प्रेरणा दी। कृषि विभाग के अधिकारियों विष्णु सांखला, आरती चौधरी, नरेंद्र चौधरी आदि ने विभागीय योजनाओं की जानकारी दी। कार्यक्रम में श्री करण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर द्वारा संचालित मृदा परीक्षण मोबाइल वैन के माध्यम से तकनीकी सहायक आशीष जारोठिया द्वारा 30 किसानों की मिट्टी के नमूनों की गांव में ही जांच कर उन्हें उचित सलाह दी गई। यह कार्यक्रम किसानों के लिए अत्यंत उपयोगी एवं प्रेरणादायक सिद्ध हुआ, जिसमें उन्होंने आधुनिक एवं टिकाऊ खेती की दिशा में अग्रसर होने का संकल्प लिया।
Whatsapp Study Group ~ https://chat.whatsapp.com/Ci81CKeD8PV3hB6DcksqXd